जिंदगी की महक़ एक पल की होती हैं और जिंदगी भी एक बार की होती हैं और उस आदमी का नाम बहुत समय तक रहता हे ज़िन्दगी के सफ़र में गुज़र जाते हैं औऱ जिंदगी में एक पल ऐसा भी था हम चलते रहे,मंजिल मिलती रही ना रुके कही ना मुड़े कही ना सुना किसीका ना पूछा कभी हम अपने रस्ते बना यूँ चलते रहे
और सपनो को अपने सजाते रहे कभी इस गली, कभी उस गली, कोई कही और चली, कोई मंजिल से मिली
और सपनो को अपने सजाते रहे कभी इस गली, कभी उस गली, कोई कही और चली, कोई मंजिल से मिली